द्वारा डॉ. आशीष कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर , आईसम्स
पत्रकारिता सूचनाएं देने के साथ समाज को शिक्षित और प्रेरित करने का भी काम करती है। मीडिया का क्षेत्र उनके लिए है जो ‘प्रोफेशन’ के साथ ‘पैशन’ की तलाश में हैं। यह क्षेत्र विविधतओं और चुनौतियों से भरा हुआ है। मीडिया में ‘ग्लैमर’ का तड़का है तो वंचित, पीड़ितों, शोषितों की आवाज बनने का अवसर।
भारत में विधिवत पत्रकारिता का प्रारंभ 1780 में जेम्स अगस्ट्स हिक्की के अंग्रेजी भाषा के अखबार ‘बंगाल गजट’ से माना से जाता है। इसमें व्यापारिक पानी के जहाजों की आवाजाही की खबरें प्रमुखता से प्रकाशित होती थीं। साथ ही, समय समय पर राजनीतिक व प्राशासनिक गतिविधियों की खबरें या उनपर टिप्पणियां भी प्रकाशित होती थीं। 1826 में हिंदी का पहला अखबार उदंत मार्तंड जुगल किशोर शुक्ल के संपादकीय नेतृत्व में प्रारंभ हुआ।
भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में पत्रकारिता का अहम योगदान रहा है। आजादी की लड़ाई में अपनी आहुति देने वाले अधिकांश क्रांतिकारियों ने पत्रकारिता की। पत्रकारिता को आजादी की लड़ाई के लिए कारगर टूल के रूप में इस्तेमाल किया। राजा राममोहन राय, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, बालगंगाधर तिलक, रविन्द्रनाथ टैगोर, महात्मा गांधी, गणेश शंकर विद्यार्थी, माखनलाल चतुर्वेदी आदि ने लेखनी से स्वतंत्रता आंदोलन को खड़ा किया।
मौजूदा दौर में पहुंचने से पहले पत्रकारिता ने एक लंबा सफर तय किया है। आज भारतीय मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। यह नागरिक अधिकारों की आवाज को बुलंद करने का सशक्त माध्यम है। मीडिया सरकार के कामों की समीक्षा करता है और समाज की आवाज को सरकार तक पहुंचाता है।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया और न्यू मीडिया के रूप में मीडिया के अनेक माध्यम मौजूदा हैं जहां पत्रकारिता के विविध आयामों पर काम किया जा सकता है। युवा इस क्षेत्र में लाखों की इनकम के साथ अपने विचारों से समाज को प्रभावित कर रहे हैं। देश और समाज के विकास में योगदान दे रहे हैं। जो युवा कुछ कर गुजरने की तमन्ना के साथ पत्रकारिता में अपना करियर बनाना चाहते हैं, उनके सामने शानदार संस्थान और अवसर उपलब्ध हैं।
दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के नोएडा 16 ए, फिल्मी सिटी में स्थित ‘इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मीडिया एंड इंटरटेनमेंट स्टडीज’ (ISOMES) संस्थान की सोनिका जुआल छात्रा बताती हैं – ‘‘मैंने मीडिया को अपना प्रोफेशन बनाने से पहले काफी सोच विचार किया। अध्ययन के लिए अच्छे मीडिया संस्थान का चुनाव किया और पत्रकार के रूप में अपना करियर प्रारंभ किया। उसमें सफलता हासिल की। उसके बाद मैंने यूट्यूब के क्षेत्र में हाथ अजमाया। आइसम्स में प्रशिक्षण का ही कमाल है कि मेरे चैनल पर सब्सक्राइबर्स की संख्या लाखों में हैं, और कंटेट में मौलिकता और यूनिकनेस है, जिसे दर्शकों द्वारा सराहा जा रहा है, और खूब प्यार मिल रहा है।
‘इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मीडिया एंड इंटरटेनमेंट स्टडीज’ संस्थान से पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातक कर रहे सरफराज बताते हैं कि उनके लिए पत्रकारिता पैशन है, इसके जरिए वे गरीब और वंचितों की आवाज बनना चाहते हैं। वे कहते हैं कि पत्रकारिता की पढ़ाई के जरिए हम अपने स्किल्स को डेवलप कर रहे, जिससे अच्छी जॉब पाने के साथ मुद्दों को आवाज दे सकें।
‘इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मीडिया एंड इंटरटेनमेंट स्टडीज’ (ISOMES) संस्थान से पढ़कार बीबीसी लंदन में जॉब कर रहे आशीष गुप्ता बताते हैं कि पत्रकारिता ग्लैमरस होने के साथ चैलेजिंग जॉब है। इस प्रोफेशन में फेम और जिम्मेदारियां एक साथ मिलती हैं। जिन्हें सामाजिक सरोकारों से प्यार हैं और पैसा भी कमाना चाहते हैं उनके लिए पत्रकारिता शानदार फील्ड है।